अद्वैत कपुर जिसका सपना सक्सेसफुल पॉलिटिशियन बनने का था लेकिन उसके सपने के बीच आ गया उसकी पत्नी का अतीत जिसके कारण वो उससे नफरत करने लगा था।समय के साथ अद्वैत को उससे प्यार हो गया लेकिन जब उसे एहसास हुआ उसे नव्या को छोड़ जेल जाना पड़ा किसी अपने के लिए लेकिन वो जेल से फरार हो जाता है नव्या के रियल पिता के साथ जिनके बारे में नव्या नहीं जानती थी। जेल से बाहर आनेके बाद अद्वैत जब नव्या से मिला तो नव्या को एक ऐसा जख्म मिला जिसे वो कभी भूल नहीं पाती और उसने सुसाइड कर ली । अद्वैत ने भी खुद को उस जख्म का जिम्मेदार मानकर अपनी जान देदी लेकिन उसका होता है पुनर्जन्म और वो इस बार खुद से वादा करता है कि वो नव्या को दुनिया की सारी खुशियां देगा और उसके लिए वो नव्या को अपने आप से दूर भी करने को तैयार है। नव्या के लिए उसकी पूरी दुनिया उसका प्यार करण है और अद्वैत के लिए उसकी पूरी दुनिया अब नव्या है उसने उसके लिए अपना सपना अपना परिवार सब कुछ छोड़ दिया। क्या अब वो नव्या को भी खो देगा ? और नव्या ने आखिर क्यों की अपने ही प्यार करण की बहन के मंगेतर अद्वैत से शादी? और कौन है नव्या के असली पापा जिनके बारे में नव्या नहीं जानती थी ? और ऐसा कौन सा जख्म था जिसे नव्या कभी नहीं भूल सकी? और क्यों बना अद्वैत पॉलिटिशियन की जगह माफिया किंग? जानने के लिए पढ़िए, "Reborn with a License to Kill: Politician Turned Mafia Lord"
एक सुनसान सड़क पर एक कार तेज रफ्तार से चल रही थी। उसे कार के अंदर बैठा आदमी एक समय पर देश का जाना माना नाम था द अद्वैत कपूर एक पहला ऐसा चीफ मिनिस्टर जिसने एक हफ्ते के अंदर खुद अपनी पोस्ट से रिजाइन कर दिया था पर क्यों यह किसी को नहीं पता । कार के अंदर बैठे अद्वैत के चेहरे पर इस वक्त कोई इमोशन नहीं था पर उसकी नीली आंखों में हरभाहट टेंशन दर्द और डर शायद किसी को खोने का साफ देखा जा सकता था ।
इस वक्त उसके होठों पर एक ही नाम था नव्या वह बार-बार खुद से एक ही बात को बोले जा रहा था -"नहीं नहीं इस बार नहीं इस बारे में तो कुछ भी नहीं होने दूंगा नव्या कुछ भी नहीं।"
कार की स्पीड से तेज उसके दिल की हार्टबीट चल रही थी तभी कार के अंदर अचानक से फोन की रिंगटोन की आवाज आई और अद्वैत का ध्यान अपने फोन की तरफ गया और फोन पर फ्लैश हो रहे नाम को देखकर उसके दिल की हार्टबीट दुगनी स्पीड से चलने लगी । एक डर अचानक उसके चेहरे पर आ गया शायद वह जानता था कि फोन की दूसरी तरफ वाले इंसान उसे क्या बताना चाहता है और और वह बात ना ही वह सुनना चाहता था ना ही उसके कान और ना ही उसका दिल सुनना चाहता था।
1 2 3 फाइनली तीसरी रिंगटोन पर अद्वैत ने फोन उठाया और धीरे से बोला -"बोलो। "
धीरे बोलने के बाद भी उसकी आवाज फोन की दूसरी तरफ वाले इंसान की रूह कापँने के लिए काफी थी और शायद शायद जो हिम्मत जूटा कर उसने फोन किया था अब वो हिम्मत उसकी आवाज को सुनकर जवाब दे चुकी थी । फोन की दूसरी फोन की तरह वाले इंसान के कानो में फिर से आवाज आई -"मैंने कहा बोलो मेरे पास टाइम वेस्ट करने के लिए टाइम नहीं है Alberto बोलो।"
अद्वैत ने कहा । दूसरी तरफ Alberto ने डरते डरते हुए कहा -"Boss वो।"
अद्वैत ने फिर कहा,"Alberto बोलो। "
इस वक्त उसकी आवाज इतनी ठंडी थी कि इतनी दूर होने के बाद भी Alberto कांपने लगा और उसने डरते डरते हुए कहा - "Boss Navya Sorry Sorry I mean lady boss sorry sorry actually doctor said she is no more". Alberto को समझ ही नहीं आ रहा था वो क्या बोले अगर नव्या बोलेगा तो उसके बॉस उसे जान से मार देंगे और लेडी बॉस कहना उसकी लेडी बॉस नव्या को पसंद नहीं था इसलिए फाइनली उसने डॉक्टर ने जो कहा वो बोल दिया और एक गहरी सांस ली।
अचानक गाड़ी की ब्रेक लेने की आवाज आती है यह सुनते ही अद्वैत के हाथ से फोन छूट कर नीचे गिर चुका था Alberto ने उसे फिर से आवाज लगाई - " Boss उनके अंदर पहले से ही खून की कमी थी कई बार सुसाइड करने के कारण और उन्होंने आज सुबह ही अपनी vein (नस)कट की थी और होश में आने के बाद वो हॉस्पिटल की रूफ से कूद गई वो तो। वो अपनी पूरी कोशिश कर रहा था अपनी बात समझने की इसमें उसकी कोई गलती नहीं है। वो जानता था कि अद्वैत उसे जिंदां नहीं छोड़ेगा क्योंकि उसकी लेडी बॉस नव्या उसकी रिस्पांसिबिलिटी थी।
पर शायद अद्वैत के कानों में और कोई आवाज गई ही नहीं थी उसके कानों में सिर्फ एक ही आवाज गूंज रही थी - "she is no more , she is no more अद्वैत ने अपने कानों में गज रही आवाज को रिपीट करते हुए कहा - "she is no more meri jaan।अद्वैत के होठों से आगे के शब्द निकल ही नहीं पाए थे ।"
उसकी नीली आंखें लाल हो चुकी थी उन्हें देखकर ऐसा लग रहा था जैसे अभी खून निकल आएगा पर तभी अचानक उसके होठों पर एक स्माइल आ गई और उसने कहा - "finally she was free from her pain and also from her unforgettable wound ."। यह कहते वक्त उसकी आवाज में दर्द , रिग्रेट और न जाने कितने इमोशंस थे।
एक कड़वी स्माइल के साथ अपना सिर कार की सीट से टिकाकर आगे कहा - "अब वो अपनी तरफ से आजाद हो गई। अब उसे मेरा चेहरा नहीं देखना पड़ेगा।तभी अचानक फिर से फोन की रिंगटोन की आवाज आई और अद्वैत ने एक नजर अपने फोन की तरफ देखा उस पर ससुर जी नाम फ्लैश हो रहा था । उसने अपने कापँते हुए हाथों से धीरे से फोन उठाया और फोन पिक की और उसके बिना बोले ही फोन की दूसरी तरफ से आवाज आई - "अद्वैत कहां हो तुम अद्वैत जहां पर भी हो जल्दी से यहां आ जाओ तुम्हारी जान को खतरा है अद्वैत तुम्हारी गाड़ी के अंदर बम है अद्वैत मुझे सुन रहे हो। हेलो हेलो अद्वैत।"
फोन की दूसरी तरफ के एक शख्स ने चिंता भरी आवाज में कहा । अद्वैत ने धीरे से कहा - "she is no more वो चली गई वह मुझे छोड़ कर चली गई पापा नव्या। एक बार फिर मुझे अकेला छोड़ कर चली गई।"
वो कहते कहते उसकी आंखों से एक आंसू टपक पड़ा उसे देखकर अभी कोई भी बता सकता था कि वह इस वक्त कितने दर्द में दोनों तरफ कुछ देर के लिए सन्नाटा था फिर फोन की दूसरी तरफ से आवाज आई - "नव्या वो...वो... म म म म मेरी बेटी । उनकी आंखों में भी आंसू आ गए।"
तभी उन्हें अद्वैत का ख्याल आया और उसने गहरी सांस लेते हुए और अपने आंसू कंट्रोल करते हुए अद्वैत से कहा - "अद्वैत खुद को संभालो अद्वैत और जहां भी हो यहां जल्दी से आ जाओ तुम्हारी जान को खतरा अद्वैत बेटी को खो चुका हूं अब बेटे जैसे दामाद को नहीं खोना चाहता। मुझे लगता है यह सब उसी ने किया है हमें उसे जिंदा छोड़ना ही नहीं चाहिए था हम उसे तभी मार देते तो आज।"
कहते कहते वह रुक गए आगे कुछ बोलने के लिए हिम्मत नहीं थी वही जानते थे कि वह कैसे अपने आंसुओं को कंट्रोल कर रहे हैं और वो अच्छी तरह से जानते थे कि अद्वैत की इस समय हालत कैसी होगी और वह नहीं चाहते थे की अद्वैत कोई गलत कदम उठाए उन्होंने अद्वैत से फिर । कहा - "अद्वैत अद्वैत तुम सुन रहे हो अद्वैत।"
पर दूसरी तरफ से कोई आवाज नहीं आई फिर अद्वैत ने धीरे से कहा - "जान को खतरा जान अब तो मेरी जान ही नहीं रही तो मुझ में जान बची ही कहां है वो मुझे छोड़ कर चली गई मेरी जान माय वाइफ मेरी नव्या।"
वो उसकी बात को सुन कर फोन की दूसरी तरफ वाले इंसान ने कहा - "अद्वैत बेवकूफी मत करो अद्वैत और मैं जो कह रहा हूं वो करो और जल्द से जल्द यहां आ जाओ ।" पर शायद अद्वैत ने उनकी और कोई बात सुनी ही नहीं और शायद सुना ही नहीं चाहता था उसके दिमाग में इस वक्त सिर्फ एक लड़की का नाम और चेहरा घूम रहा था नव्या उसकी वाइफ । तभी अचानक होर्न की आवाज आई और अद्वैत ने अपने दाएं तरफ देखा वहां से ट्रक आ रहा था वह अच्छे से जानता था कि यह ट्रक उसको मारने के लिए ही आ रहा था पर यह देख उसके चेहरे पर हरबाराहाट और डर की जगह उसकी होठों पर एक स्माइल आ गई । और उसने खुद से कहा - "नव्या मेरी जान , मेरा बच्चा मैं भी आपके पास ही आ रहा हूं। आप मुझे छोड़ सकते हो लेकिन मैं तुम्हें कभी नहीं छोडूंगा। वो चाहता तो बच सकता था पर उसने बचने की जगह अपनी गाड़ी को ट्रक के एग्जैक्ट सामने कर लिया।"
फोन की दूसरी तरफ वाला इंसान अभी भी उसे पुकार रहा था - "अद्वैत अद्वैत तुम सुन रहे हो ना अद्वैत देखो तो कोई बेवकूफी मत करना अद्वैत अद्वैत बेटा। "
अद्वैत तो शायद कुछ सुना ही नहीं चाहता था या शायद वह सुनने और समझने की शक्ति ही खो दी थी । उसके बाएं तरफ खाई थी जिससे बचना मुश्किल था और उसके दाएं तरफ ट्रक और उसकी गाड़ी में बम भी लगा था वह अच्छे से जानता था कि यह उसकी आखिरी सांसें थी पर उसे दुख की जगह खुशी महसूस हो रही थी क्योंकि वह अपनी नव्या अपनी वाइफ के पास जा रहा था। क्योंकि उसे के पास जीने की तमन्ना ही नहीं बची थी और जो आखिरी थी वह भी आज खत्म हो गई थी ।
बूम एक आवाज के साथी अद्वैत की कार स्लिप होते हुए खाई में जा गीरी और एक पेड़ से अटक गई और फोन की दूसरी तरफ वाले इंसान के मुंह से एक चीख - "अद्वैत अद्वैत।"
कहते कहते वह अपने घुटनों पर बैठ गया था । थोड़ी देर बाद उसने खुद से कहा - "पागल है दोनों एक मेरी बेटी पागल थी जो उसने खुद को उस करण के प्यार में बर्बाद कर लिया और और यह मेरा पागल दामाद बेटा उसके प्यार में बर्बाद हो गया । और फिर उसने अचानक अपने पीछे खड़े बॉडीगार्ड्स से कहा - "गाड़ी गाड़ी निकालो हो सकता है जिंदा हो।"
तो वहीं दूसरी तरफ अद्वैत सच में जिंदा था और चाहे तो बच भी सकता था क्योंकि वह इस वक्त एक पेड़ से लटका हुआ था और उसकी गाड़ी खाई में गिर गई थी और ब्लास्ट हो गई थी । वह चाहता तो अभी चढ़कर आसानी से बच सकता था पर जीने के लिए वजह या तमन्ना भी तो होनी चाहिए थी उसकी जीने की वजह और तमन्ना तो पहले ही उसे छोड़कर जा चुकी थी । अद्वैत ने धीरे से उसे पेड़ की लकड़ी को छोड़ दिया और खुद से मन में कहा - "जान मैं आ रहा हूं। तुम्हारे पास। आई होप अब तुम मुझेदूर नहीं जाओगी। अब तुम मुझसे नफरत नहीं करोगी। तुम इस जन्म में मेरी नहीं हुई हो मैं चाहूंगा अगले जन्म में भी ना हों क्योंकि मेरे साथ रहकर सिर्फ तुम्हें दर्द मिला है और कुछ भी नहीं। इसी के साथ अद्वैत खाई में गिर चुका था।"
पर क्या यही था इस कहानी अंत या थी इस कहानी की कोई नई शुरुआत। जानने के लिए पढ़ते रहिए रिबॉर्न विथ ए लाइसेंस टू किल: पॉलीटिशियन टर्नेड माफिया लॉर्ड। Reborn with a License to Kill: Politician Turned Mafia Lord।
Guys this my new and first story pls give your support. Story is very different romance, fantasy, thriller, suspense, Billionaire, love triangle, college life, mystery, mafia, politician and mafia love. Believe me story is unique you definitely like this.
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